जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
जीवन की सुरुआत और जीवन का अंत
पैदा करने वाली मा के आँचल से जीवन की सुरुआत होती है
पिता की अंगुली के सहारे रास्ते की सुरुआत होती है
भाई के साथ से पड़ोसियों की पहचान होती है
बहन के साथ से लडाई का अनुभव और मित्रता की पहचान होती हैं
दादा के प्यार से बाजार का रास्ते की सुरुआत होती हैं
दादी के सहारे मम्मी पापा से मार खाने से बचने के रास्ते होते है नाना मामा नानी मामी मौसी के साथ रह कर किसी से डरने की आदत छुट जाती है और सबसे निडर हो कर रहने की सुरुआत होती है
सबके साथ छुट जाने से जीवन का पहलू ही बदल जाता हैं
अपने बच्चों के साथ रह कर पत्नी के साथ रह कर अपने भी पराये हो जाते है दोस्तो के साथ रहने से दुख सुख बाटने की आदत हो जाती है
और जब सारे छुट जाते है तो अपने जीवन का अंत होता है और यह शरीर पंच तत्व मे विलीन हो जाता हैं
ऋतुराज वर्मा