*जीवन की सुंदर लय है*
जीवन की सुंदर लय है
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मन में ना कोई भय है।
जीवन की सुंदर लय है।
मदहोशी छायी रग रग,
हाथों मे पकड़ी मय है।
छल का जो हो ना साया,
हर दम कदमों में जय है।
फ़िक्र में जिक्र खामोशी,
चिंता का जब से गय है।
सोचो मत थोड़ा ज्यादा,
होना होगा जो तय है।
मनसीरत जी भर खेलो,
थोड़ी सी बाकी बय है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)