जीवन की समीक्षा——भाग–२
मनुष्य जन्म से ही महान नही बनाता है। महानता उसके कर्म में छिपी हुई होती है।अगर आप महान नही बन सकते हैं, तो जिंदगी का कुछ हिस्सा अच्छे कामों में लगाये। जिससे कि आत्मा को शांति मिल सकें। मनुष्य का जन्म किसी को दुख देने के लिए नहीं होता है।वह दूसरों को सुख दे। इसलिए ही उस महाशक्ति ने तेरे को मनुष्य का जन्म दिया है।कि तू धरती पर जाकर अच्छे काम करें। और मनुष्यो के बीच में रहकर सृष्टि का संरक्षण करें। लेकिन!तू इतना पढ़ लिख कर भी अपनी बुद्धि का विकास तू सिर्फ अपने पेट पालने के लिए ही करता रहता है। और पेट पालने के लिए अनेक रास्ते बनाता रहता है। और मनुष्य जीवन का आनन्द लेना चाहता है।जब तुझे आनन्द लेना ही नही आता है, और जीवन भर दूसरों के चक्कर काटता रहता है।जो खुशियां परमात्मा देता है,वह दूसरों में बांटे। वहीं जिंदगी का असली मजा होता है।अगर आप सारी जिंदगी अपने लिए जीये तो समझो आपने जिंदगी का महत्व नही समझा है।