जीवन की शाम
लगता है यह शाम भी
जीवन की शाम की तरह
पीली और उदास है
जैसे सूर्यास्त के पहले
की किरणें
आह! कितनी वीरान
कितनी निराश
यह उजाड़ शाम
देख रवि भी
ठिठक गया है
छोटी-छोटी पहाड़ियों
के बीच
अस्त होते हुए।
___चारूमित्रा
लगता है यह शाम भी
जीवन की शाम की तरह
पीली और उदास है
जैसे सूर्यास्त के पहले
की किरणें
आह! कितनी वीरान
कितनी निराश
यह उजाड़ शाम
देख रवि भी
ठिठक गया है
छोटी-छोटी पहाड़ियों
के बीच
अस्त होते हुए।
___चारूमित्रा