जीवन की रण नीति।
मनुष्य को जीवन जीने से पहले एक रणनीति बनाना पड़ती है।जब तक मनुष्य जीता है,तब तक वह हारना नहीं चाहता है।वह जीवन के हर क्षेत्र में विजय होना चाहता है।जिसे वह सफलता कहता है। लेकिन मनुष्य के लिए बहुत सारी चुनौती का सामना करना पड़ता है।वह कभी मोह से लड़ता है।तो कभी माया से,यह लड़ाईयां जीवन भर चलती रहती है। कभी वह इतना थक जाता है कि ,अब हार मान जाऊ पर मन हार स्वीकार करना नहीं चाहता है। और फिर से अपनी परिस्थितियों को निपटाने में लग जाता है।उसका यह खेल पूरे जीवन भर चलता रहता है। और आखिर एक दिन हार ही जाता है।वह अपनी मृत्यु से तो हारना ही पड़ता है।