जीवन की कशमकश के बीच, आरज़ू थम सी गई है।
जीवन की कशमकश के बीच, आरज़ू थम सी गई है।
तमन्नाएं जमींदोज हो गई, बर्फ जम सी गई है।
सांसो में ये लगता है, गर्मी रह नहीं बर्फ पिघलाने की।
इच्छाएं बची नहीं सांवरे, मानो सारी मर सी गई है।
श्याम सांवरा…
जीवन की कशमकश के बीच, आरज़ू थम सी गई है।
तमन्नाएं जमींदोज हो गई, बर्फ जम सी गई है।
सांसो में ये लगता है, गर्मी रह नहीं बर्फ पिघलाने की।
इच्छाएं बची नहीं सांवरे, मानो सारी मर सी गई है।
श्याम सांवरा…