जीवन की ओर
आज के समय में जीवन में बहुत ज्यादा भागमभाग हे।पिछले कुछ दशको में हमारी जीवनशैली में बहुत तेजी से बदलाव हुए हे।और हमारा पूरा जीवन कृत्रिम हो गया हे।हम सब पैसे कमाने की अंधी दौड़ में शामिल हो चुके हे।इस कारण हमारा सुख चेन सब गायब हो चुका है।और धीरे धीरे हमारा जीवन एक रोबोट की भाँति होता जा रहा हे।जिंदगी से रस गायब होता जा रहा हे।
आज के समय में हमारे खाने पीने से स्वाद गायब होता जा रहा हे।आप चाहे फल खाइये या सब्जिया,सभी स्वादहीन होती जा रही हे।इसी प्रकार हमारे रिश्ते नाते भी बेरंग होते जा रहे हे।रिश्तो में अब गर्मजोशी नहीं रही।वो तीज त्यौहार भी नहीं रहे।
ऐसे में हमें अपने जीवन के आनंद को पुनः प्राप्त करने के लिए कुदरत के सानिध्य में रहने की जरुरत हे। नदी,पर्वत,झील ,जंगल आदि को पुनः हमारी जीवनशैली में शामिल करने की जरुरत हे।खुद के लिए वक्त निकालिए और कुदरत के आनंद लीजिये।सुबह उगता हुआ सूरज देखने की आदत डालिये,रात में जरा छत पर जाकर तारों को निहारिये।खेतो में जाकर अनाज को उगते हुए और बढ़ते हुए देखकर जीवन को महसूस कीजिये।
याद कीजिये आपने कोयल की मधुर आवाज आखरी बार कब सुनी थी? पता नहीं ना।
तो पुनः जिंदगी की ओर लौट आइये।जितना समय आप कुदरत के साथ बिताएंगे,आपको जिंदगी की कीमत का अहसास होने लगेगा।