जीवन की एक भयंकर त्रासदी…….
कोई ऐसा व्यक्ति जिससे आप या तो बेहद “प्रेम” करते हैं या फिर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से उस पर निर्भर होते हैं और वो व्यक्ति किसी कारणवश यदि आपका साथ छोड़कर चला जाता है तो वो भीवत्स हादसा आपकी जिन्दगी में हुयी किसी त्रासदी से कम नहीं होता|
और ये त्रासदी कहीं न कहीं आपके जीवन पर एक ऐसा नकारात्मक प्रभाव डालती है जिससे आपके जीवन में काफी कुछ बदल जाता है जैसे- आपके जीने का तरीका बदल जाता है, सोचने समझने का ढंग बदल जाता है कार्यशैली पर भी फर्क पड़ता है और एक विशेष फर्क आपकी कार्य क्षमता पर भी पड़ता है,
और फिर आप जितनी दफा सब कुछ पीछे छोड़ कर सबकुछ भुलाकर आगे बढने का प्रयत्न करते हैं,
“स्मृतियाँ” पुन: आपको झकझोर के रख देती है……… ?
“जिंदगी के सफर में किसी करीबी का बीच में ही साथ छोड़ देना, ‘जीवन की एक भयंकर त्रासदी’ से कम नहीं होता |”