✍️जीवन की ऊर्जा है पिता…!✍️
✍️जीवन की ऊर्जा है पिता…!✍️
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यदि आप अपने जीवनी के आरंभ को याद करोगे
तो सबसे पहले उँगली थामे हुए पिता को पाओगे
नन्हें नन्हें झकोलते कदमो के प्रारंभ को याद करोगे
तो गिरकर उठने की सिख देते हुए पिता को पाओगे
थोड़े सरल थोड़े तरल कभी कभार थोड़े से गुस्सैल
अपने परिवार की सुरक्षाकवच के मंत्र थे मेरे पिता
थोड़े ज़िद्दी थोड़े सिद्धि हर निर्णय का प्रमाण बुद्धि
अपने परिवार की जिम्मेदारियों के तंत्र थे मेरे पिता
ना कोई लोभ,ना कोई मोह,ना कोई बड़ी लालसा
साधारण व्यक्तित्व के धनी,मेरे पिता एक जिज्ञासा
ना बड़ी आशा,ना कभी निराशा,ना कोई शिकवा
सीधी रेखा था जीवन उनका,मेरे पिता एक भरोसा
दो जोड़ी कपडे चार बरतन से शुरू उनकी कहानी
माँ थी हमारी धरोहर और पिता थे सारा आसमान
मुश्किल परिस्थितियों में भी तंग न था उनका हाथ
हर खुशियों के लिये समर्पण,पिता थे सारा जहान
जीवन के संघर्ष में हर इम्तिहान की ऊर्जा है पिता
जीवन में ऊँची बुलंदियों को छूने का दर्जा है पिता
बिन पिता कठिन राह चलना आसान कहाँ जिंदगी
बिन माँ घर खाली सा है और बिन पिता के जिंदगी
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✍️”अशांत”शेखर✍️
ताडोबा टाइगर रोड
तुकुम,चंद्रपुर, जिल्हा चंद्रपुर
महाराष्ट्र-442401