जीवन का सितारा
जीवन का सितारा ढूँढ़ते-ढूँढ़ते,
मन में एक जगह मिल जिसे बसाते-बसाते!!
ख़ुश होते फिरते हैं हम न जाने क्यों,
पर कुछ सदाऍं खुशियां बन के दिल में बस जाती हैं!!
जब भी लगता है वो सितारा मिल ही नहीं रहा,
तब ग़ज़लों में उसे ढूँढता हूँ जो मैंने अभी सुना ही नहीं!!
फिर एक रोशनी सी उमड़ जाती है जीवन में,
जिससे समझ आता है कभी नहीं करनी थी संभव लड़ाई प्रतिशोध के साथ!!
बस ख़ुश हो कर इसे दिल में संभाले रखना,
जीवन का सितारा तुम्हें अभी मिल ही जायेगा, जो कभी दूर नहीं होगा तुमसे!!
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
बिलासपुर, छत्तीसगढ़