“जीवन का सच्चा सुख”
“जीवन का सच्चा सुख”
जीवन का सच्चा सुख रिश्तों में अपनापन है,
इसके बाद ही कहीं आता पैसा एवम् धन है।
रिश्तों में कटुता लिए जो सुविधा सम्पन्न है,
वो बस जीता है, लगता उसे कहाॅं मन है…!!
अजित कर्ण ✍️
“जीवन का सच्चा सुख”
जीवन का सच्चा सुख रिश्तों में अपनापन है,
इसके बाद ही कहीं आता पैसा एवम् धन है।
रिश्तों में कटुता लिए जो सुविधा सम्पन्न है,
वो बस जीता है, लगता उसे कहाॅं मन है…!!
अजित कर्ण ✍️