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13 Dec 2021 · 1 min read

जीवन का यथार्थ

क्या सोचता है इंसान
और क्या हो जाता है
दो सांसें क्या उखड़ गई
जाने कहां खो जाता है
दिल में होती है जो हसरतें
सब अधूरी रह जाती है
दूर चले जाते है बहुत, फिर
केवल यादें रह जाती है।।

खुशियां ले जाता है संग वो
और दुख यहीं छोड़ जाता है
सबकुछ किया जिनके लिए
उनको तन्हा छोड़ जाता है
क्या करे वो भी होता है मजबूर
मौत पर किसी का बस नहीं, वरना
अपनों को तन्हा कौन छोड़ना चाहता है।।

उम्मीद से भरा वो चेहरा
यादों में ही सिमट जाता है
यही रीति है इस जग की
जाता है वो इस जहां से बस
दिल से कहां मिट पाता है
उसके चेहरे की हंसी
स्मृति पटल पर छप जाती है
झूठ ही लगता है जाना उसका
चला गया है ये मानने में
पूरी ज़िंदगी नप जाती है।।

रहे अब तो वो सुकून से
कष्टों से मुक्ति मिली उनको
खुश रहे वो नई दुनिया में
है दुआ न हो कोई कष्ट उनको
है दुआएं उनकी साथ हमारे
बस तुम दिल में समेटो उनको
रहेगा सर पर हाथ हमेशा उनका
तुम ईश्वर मानकर चलो उनको।।

Language: Hindi
10 Likes · 5 Comments · 518 Views
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