*जीवन का अनुभव ____ कविता
जीवन का अनुभव कहता है ___
युग अपनी गति से बहता है ___
जिधर जा रहा__ तू क्या बदलेगा।
काहे चिंतित रहता है।।
कौन यहां सुनने वाला है।
तेरी कोई न मानेगा।।
क्या करना है जाना कहां है।
खुद की खुद ही जानेगा।।
अपनी धुन का मालिक है वह,
अपनी धुन में रहता है।।
जो चल रहा तुझे नहीं भाता।
चुपचाप बैठ कर देखा कर।।
तुझसे ना हो गलती कोई।
बस इसी बात से तू तो डर।।
तेरी सद्गति तुझको ही करना।
कहां साथ कोई रहता है।।
राजेश व्यास अनुनय