Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
3 Dec 2021 · 1 min read

जीवन और मृत्यु

जीना तो सभी चाहते है ,
जीवन चाहे जैसा भी हो ।
महकते फूलों की सेज हो ,
या कांटों से भरी राह हो ।

जीवन दुख से भरा हो या ,
निर्धन और अधम ही हो ।
जीवन से सभी प्यार करें ,
चाहे वो जख्मों से भरा हो ।

जीवन को त्यागने का विचार,
भी बड़ी विवशता से आता है ।
बड़ी मानसिक पीड़ा होती है ,
उद्विग्नता में यह पग उठता है ।

एक ओर तो जीवन से प्रेम है ,
दूसरी ओर भयानक आर्थिक संकट ।
क्या करे ! क्या न करे वोह व्यक्ति ,
जिसकी परिस्थितियां हो अत्यंत विकट।

कोई माता पिता की बीमारी से त्रस्त है ,
तो कोई इकलौते पुत्र / पुत्री के दुख से ।
असाध्य हो जाए जब पीड़ादायक रोग तो ,
मुक्ति की ही दुआ करे निजात दिलाने दुख से।

जीवन और मृत्यु पर पड़ा हुआ है ,
पूर्वजन्म के प्रारब्ध का बंधन और ,
कर्मों का हिसाब इस जन्म का भी ,
देता है मनुष्य जीवन में बड़ा योगदान।

अंततः जिसको जैसा जीवन मिला ,
वो तो अवश्य भोगना ही पड़ेगा ।
है यह। विधि का विधान कठोर ही सही ,
ईश्वर आज्ञा से उसे स्वीकार करना ही होगा ।

Language: Hindi
3 Likes · 5 Comments · 379 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all

You may also like these posts

23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/90.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ख़ामोशी है चेहरे पर लेकिन
ख़ामोशी है चेहरे पर लेकिन
पूर्वार्थ
जाने वाले साल को सलाम ,
जाने वाले साल को सलाम ,
Dr. Man Mohan Krishna
तज द्वेष
तज द्वेष
Neelam Sharma
बेखबर को
बेखबर को
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कल
कल
Vishnu Prasad 'panchotiya'
मंत्र: वंदे वंछितालाभाय चंद्रार्धकृत शेखराम् । वृषारूढाम् शू
मंत्र: वंदे वंछितालाभाय चंद्रार्धकृत शेखराम् । वृषारूढाम् शू
Harminder Kaur
रक्षा बंधन
रक्षा बंधन
Shyam Sundar Subramanian
योग
योग
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं।
आधुनिक युग में हम सभी जानते हैं।
Neeraj Agarwal
संत कबीर
संत कबीर
Indu Singh
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
मैं नारी, सर्वशक्तिशाली हूँ।
मैं नारी, सर्वशक्तिशाली हूँ।
लक्ष्मी सिंह
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
100 से अधिक हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं की पते:-
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"प्रेम : दोधारी तलवार"
Dr. Kishan tandon kranti
*बतलाती दीपावली, रहो पंक्ति में एक (कुंडलिया)*
*बतलाती दीपावली, रहो पंक्ति में एक (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
आज तू नहीं मेरे साथ
आज तू नहीं मेरे साथ
हिमांशु Kulshrestha
वातायन के खोलती,
वातायन के खोलती,
sushil sarna
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
इतना मत इठलाया कर इस जवानी पर
Keshav kishor Kumar
हर मंजिल के आगे है नई मंजिल
हर मंजिल के आगे है नई मंजिल
कवि दीपक बवेजा
तू मुझको संभालेगी क्या जिंदगी
तू मुझको संभालेगी क्या जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
टूटा तारा
टूटा तारा
Karuna Bhalla
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
#छंद के लक्षण एवं प्रकार
आर.एस. 'प्रीतम'
खबरदार होना चाहिए
खबरदार होना चाहिए
Ghanshyam Poddar
चांदनी रातों में
चांदनी रातों में
Surinder blackpen
कौन करें
कौन करें
Kunal Kanth
प्रेम गजब है
प्रेम गजब है
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
जमाने को खुद पे
जमाने को खुद पे
A🇨🇭maanush
#ਇੱਕ ਨਾਲ ਇੱਕ ਰਲਸੀ ਫਿਰ ਵੀ ਇੱਕ ਹੋਸੀ
#ਇੱਕ ਨਾਲ ਇੱਕ ਰਲਸੀ ਫਿਰ ਵੀ ਇੱਕ ਹੋਸੀ
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
Loading...