— जीवन एक संघर्ष —
अगर जिंदगी में
संघर्ष न हुआ तो जीवन कैसा
आसानी से अगर सब मिले
तो फिर यह जीवन कैसा !!
ठोकर खा के नहीं जिए
तो यह जीवन कैसा
खुद के बल बूते न उठे
तो बोलो जीवन कैसा !!
आत्म बल से ही तो
मिलती है मंजिल
अगर दूसरे ने सहारा दिया
तो यह जीवन कैसा !!
धूप में तप के
माटी भी लगी अगर तन पे
जूझते हुए न कदम बढ़ाया
तो यह जीवन कैसा !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ