जीवन आशा
दुविधा छाई यदि समृद्ध आकाश,
उसकी शक्ति, अपनी भक्ति का है विश्वास ,
निश्चय ही समृद्ध होगा अच्युत प्रकाश,
शाश्वत सत्य मानव का होना हताश,
खद्योत तम भेदन का करता प्रयास,
हम मनुज क्यों करें जीवन निराश,
न हो उनकी कृति का उपहास,
दुविधा छाई यदि समृद्ध आकाश,
उसकी शक्ति, अपनी भक्ति का है विश्वास – – – जय माँ काली