जीभ का कमाल
शुगर और बी पी की जाँच तो,हर व्यक्ति ही करवाता है।
किन्तु अपनी जीभ की जाँच, कभी वो क्योंकर नहीं कर पाता है।।
क्यों इतनी कड़वी है जीभ यह, क्या कोई समझ यह पाता है।
जबकि सारा जीवन इसी जीभ से, व्यक्ति कड़वा कुछ नहीं खाता है।।
जीभ बोलती है यह कड़वा जब,दूजे की खातिर कुछ बोला जाता है।
जीभ खाती है मीठा मीठा क्योंकि,व्यक्ति हमेशा खुद के लिए ही खाता है।।
बहुत जरूरी है ये समझना क्यों, हमारा नकारात्मकता से नाता है।
सकारात्मक सोचे जो व्यक्ति, वो कभी भी गलत बोल नहीं पाता है।।
कुछ भी सुनो फिर अच्छा सोचो,तो हमेशा अच्छा ही बोला जाता है।
आप जो सोचो जीभ वह बोले,क्योंकि सोच का जीभ से सीधा नाता है।।
हर बीमारी का इलाज हर व्यक्ति, वैद्य हकीम या डॉक्टर से करवाता है।
किन्तु अपनी जीभ का इलाज तो,व्यक्ति केवल खुद कर पाता है।।
खुद के बोले हुए शब्दों को जो भी, व्यक्ति जाँच परख यदि पाता है।
उसका किसी भी मित्र संबंधी से, नाता कभी छूट नहीं पाता है।।
पहले सुनो समझो फिर बोलो, विजय बिजनौरी यही बतलाता है।
सुखी वही रह पाता है जग में, जो यह मूल मंत्र अपनाता है।
विजय कुमार अग्रवाल
विजय बिजनौरी