जीने की राहें..!
आंँखों में समंदर सुखता नहीं,
गमों का सैलाब रूकता नहीं।
किसे कहें कोई नहीं हैं अपना-
जीने की राहें कोई दिखाता नहीं।।
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रचयिता: प्रभुदयाल रानीवाल=
====*उज्जैन (मध्यप्रदेश)*===
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