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16 Sep 2016 · 1 min read

जीने की तम्मना तो हम भी रखते है/मंदीप

जीने की तम्मना तो हम भी रखते है,
दूर तक साथ निभाने की हसियत भी रखते है।

दूर हो जाओ मर्जी तुम जितना,
पास आने की ख्वाइस भी रखते है।

रुठ जाना तुम बेसक कितना,
हर बार मनाने की हसियत भी रखते है।

चुरा लो हम से आँखे बेसक कितनी तुम ,
आँखो में आँखे मिलाने की हसियत भी रखते है।

कर लो नफरत दिल से तुम हम से,
दिल को पिगलाने की हसियत हम भी रखते है।

भूजा लो प्यार के दीये तुम,
तुफानो में भी आग जलाने की हसियत हम भी रखते है।

दूर कभी मत होना तू “मंदीप” से,
दूर होने की हसियत हम नही रखते ।

मंदीपसाई

Language: Hindi
284 Views
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