जीने की खुशी
हर कोई चाहता है ज्यादा जियें खुशहाल
साइंस ने साबित किया नींव दी है डाल,
जापानियों ने समझा ईकीगाई गंभीर हो गये
मकसद तय कर जीने का हो गये माला माल।
जिंदा दिल प्रसन्न चित्त पाते लम्बी आयु
ईकीगाई बन गई जापान की प्राण-वायु,
जी रहे हैं, जिंदा हैं, ठीक हैं कहते रहते हम
बिन मकसद बिन वजह जीते पाते अल्पायु।
लक्ष्य अगर तय हो जीने का तो स्ट्रेस होती कम
हार्ट डिजीज स्ट्रोक असमय मृत्यु होती न्यूनतम,
क्या करना है क्या कर सकता लोग चाहते क्या ?
छोडो दुनियां सोचों उनको जो आपको अहम।
लक्ष्य साध के कार्य करेंगे तो होगा धन लाभ
या दिल को सुकून रहेगा होंगे खुश हित लाभ,
दोनो स्थितियां प्रसन्नता देंगी बढेगा उत्साह
तय मकसद जीने का तो होगा चेहरा रक्ताभ।
आउट या इनडोर करें प्ले या हो बागवानी
खीचें फोटो करे ट्रेवलिंग शौक हो मनमानी,
पालें संतान सही ढंग से साथ हो किताबों का
सुबह उठें कृतज्ञ रहें खुश रहें करें मेहरबानी।
तब होगी जीने की खुशी लम्बी उम्र मिलेगी
जापान नही भारत मे भी ईकीगाई रहेगी,
हम नही कम किसी से दिखाएंगे दुनियां को
रहेगा नाम अपना जब तक प्रकृति जियेगी।
ईकीगाई – जापानी भाषा का शब्द – जीने का उद्देश्य। यहां के नागरिक की औसत आयु – 100+ वर्ष
भारत मे आम नागरिक की औसत आयु – 80 वर्ष
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अश्वनी कुमार जायसवाल कानपुर 9044134297