जीने का नजरिया अंदर चाहिए।
जीने का नजरिया अंदर चाहिए।
नदिया हूं गिरने को समंदर चाहिए।।1।।
यूं फैली हो खुशबू फिज़ाओं में।
हमको तो ऐसा एक मंजर चाहिए।।2।।
प्यार से राज करना मुश्किल है।
जीतने को दिले-सिकन्दर चाहिए।।3।।
कलाम ना पता कुछ कुरान का।
मौजीजा करने को मंतर चाहिए।।4।।
अगर साबित करना है खुद को।
तो मेहनत को जमीं बंजर चाहिए।।5।।
खुश तो रखले हम जिन्दगी को।
मस्त-मौला दिल कलन्दर चाहिए।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ