— जीना है , तो पीना है —
जीना है तो हर गम पीना है
हर मुसीबत को मिलकर जीना है
क्या जीयेगा वो इंसान कभी
जिस ने गम का घुट नही पीना है !!
हर पल को खुलकर जीओ
गम हो या ख़ुशी हस कर जिओ
न कोई कुछ कर सका फिक्र में
तो क्यूं न जिदगी के जिक्र से जिओ !!
खुला आसमान खुली धरती
वो चाँद, सूरज, सितारों से सीखो
जब की पता है जिन्दा बच के जाना नही है
फिर क्यूं न जिदगी हसींन बना के जिओ !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ