जीना सीख लिया
जीना सीख लिया (ग़ज़ल)
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तुम बिन जीना सीख लिया,
गम को पीना सीख लिया।
पग – पग मिलते घाव हमें,
मर कर जीना सीख लिया।
खोया हमने प्यार यहाँ,
खो कर पाना सीख लिया।
रो धो कर तो देख लिया,
मन समझाना सीख लिया।
दिल से दिल तो बार लगा,
दिल बहकाना सीख लिया।
बेसुर सुर का साथ मिला
लय में गाना सीख लिया।
मनसीरत मन मैल भरा,
मैला धोना सीख लिया।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)