जीना मुश्किल
मन के पंछी बिछड़ जाए तो, जीना मुश्किल होता है।
आंखों में आंसू आए तो, पीना मुश्किल होता है।
कैसा है दुर्योग यहां पर, कैसे मैं सह पाऊंगा
तेरी यादों में रह रहकर ,जीना मुश्किल होता है।
प्यार, वफ़ा, उम्मीद, भरोसा दूर नजर अब आते हैं।
चाक जिगर के इतने बढ़ गए, सीना मुश्किल होता है।
मेरे पागलपन की सीमा, इस कदर तड़पाती है।
अंदर बाहर खालीपन की, व्यथा भी बढ़ती जाती है।
खोने का डर लगता है और जीना मुश्किल होता है।
मन के पंछी बिछड़ जाए तो………………………..।