जीत की मनहरण
समता समानता का देश में विकास रहे,
भाईचारे वाली आज बानी लिख दीजिये।।
शोषितों को पीड़ितों को करते प्रताड़ित जो,
उनके खिलाफ मनमानी लिख दीजिये।।
जुग जुग याद रखे तुमको जमाना भी ये,
देश के ही नाम जिंदगानी लिख दीजिये।।
बार बार हार को ही मार के पछाड़ भी दो,
जीवन मे जीत की कहानी लिख दीजिये।