जीजा साली
जीजा साली कर रहे, हँसी ठिठोली आज।
रंगों की बौछार में,खोलो दिल के राज।
खोलो दिल के राज, नहीं करना बरजोरी।
रंगों की सौगंध, करो मत सीनाजोरी।
कहें प्रेम कविराय,आज खाना नहि पीजा।
साली ने पकवान, बनाये मन भर जीजा।
डा.प्रवीण कुमार श्रीवास्तव ,प्रेम