जीऊतपुत्रिका व्रत
??????माँ??????
माँ बच्चों के दिर्घायु को रखती है उपवास।
जीऊतपुत्रिका व्रत यह महिमा अगम अपार।।
महिमा अगम अपार, व्रत निर्जल ही रहती।
हर बाधा से लड़ती मुश्किल हस कर सहती।।
अपने बच्चों की खातिर हो अटकी जिसकी जां।
इस धरती पर एक शख्सियत कहते उसको माँ।।
पं.संजीव शुक्ल “सचिन”
आप सभी महानुभावों को जीऊतपुत्रिका व्रत की कोटिशः हार्दिक शुभकामनाएं।।