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10 Oct 2024 · 1 min read

जिस यात्रा का चुनाव हमनें स्वयं किया हो,

जिस यात्रा का चुनाव हमनें स्वयं किया हो,
उसके उतार चढ़ाव भी हमें ही स्वीकार करने होंगे
उस यात्रा में खड़े रहने का जसबा खुद को बनाना होगा
उस यात्रा में जो पाओगे और जो खोगे उसको अपनाना होगा
इस यात्रा को पूरा करना तुम्हारी जिम्मेदारी है
लोग आएंगे, रुकेंगे , चले जायेंगे यात्रा में,
जस्बात जुड़ेंगे, उम्मीद खिलेंगी, धोखे मिलेंगे, अपेक्षाएं दुख देंगी
तुमको चलते रहना है। क्योंकि उस यात्रा का उद्देश्य है
उस उद्देश्य को पूरा करना है तुमको।

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