जिस तौर भी कट रही वो ज़िंदगी तेरे नाम पर
जिस तौर भी कट रही वो ज़िंदगी तेरे नाम पर
अब वो दौर भी गुजर गया, ज़िंदगी के दाम पर
वो सूरज भी ढल गया, चांद तारों के शाम पर
चराग जो रौशन हो गए, उजालों के काम पर
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”
जिस तौर भी कट रही वो ज़िंदगी तेरे नाम पर
अब वो दौर भी गुजर गया, ज़िंदगी के दाम पर
वो सूरज भी ढल गया, चांद तारों के शाम पर
चराग जो रौशन हो गए, उजालों के काम पर
©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”