जिस्म से किसी जिस्म का मिलन हो जाना संगम नहीं
निर्वस्त्र हो जाना इक दूजे के बाहों में भर जाना संगम नहीं
जिस्म से किसी जिस्म का मिलन हो जाना संगम नहीं
होठों को चूमना जुल्फों को सहलाते जाना संगम नहीं
भोग की चरम सीमा दोनों का लांघ जाना संगम नहीं।
संगम है जब रूह से रूह मिले तो मन तक सिहरन हो जाए
संगम है किसी को खोकर भी ताउम्र धड़कन में सम्हाले रखना।
संगम है किसी को पाकर हर वक्त उसके लिए इबादत करना
संगम है जब जिस्म हो जाए चूर चूर आत्मा से आत्मा मिले।