जिस्म का मकान
मेरा घर कहां है
जिस घर में मैं रहती हूं
वह या कहीं और
मैं आजकल सब कुछ भूलने
लगी हूं
घर
घर का सामान
घर के लोग
इनसे जुड़े रिश्ते
इनसे जुड़ी यादें
सब कुछ बेमानी सा लगने
लगा है
दिल तोड़ती है
जब हर एक तो आह तो
जिस्म का मकान
भरा हुआ नहीं बल्कि
एक खंडहर सा खाली लगने
लगता है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001