जिसने दिल में घर बनाया कौन है
जिसने दिल में घर बनाया कौन है
रूह में मेरी जो समाया कौन है
चुपके-चुपके दिल में जो बसता गया
रात-दिन जिसने सताया कौन है
साथ मेरे जो सफ़र करता रहा
कुछ न बोला जो वो साया कौन है
पल में रत्ती पल में माशा हो गया
रूप अपना यूँ दिखाया कौन है
बह रहा है ख़ून उसकी पीठ से
पीठ पर ख़ंजर चलाया कौन है
भाइयों में जंग है किस बात पर
किसने आपस में लड़ाया कौन है
बेगुनाहों पर चली हैं गोलियाँ
जिसने उनका ख़ूँ बहाया कौन है
इस जहाँ के भेद सारे भूलकर
प्यार सब पर ही लुटाया कौन है
सब्र से ‘आनन्द’ जो जीता रहा
जिसने हर रिश्ता निभाया कौन है
– डॉ आनन्द किशोर