Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Nov 2022 · 1 min read

जिसके हिस्से में

जिसके हिस्से में हम नहीं आये ।
वक़्त को वक़्त क्या लिखा जाए ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: शेर
14 Likes · 225 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
ऐसे साथ की जरूरत
ऐसे साथ की जरूरत
Vandna Thakur
मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ की 313वीं कवि गोष्ठी रिपोर्ट
मप्र लेखक संघ टीकमगढ़ की 313वीं कवि गोष्ठी रिपोर्ट
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
मेरे प्रभु राम आए हैं
मेरे प्रभु राम आए हैं
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
बहुत कठिन है पिता होना
बहुत कठिन है पिता होना
Mohan Pandey
मंजिल-ए-मोहब्बत
मंजिल-ए-मोहब्बत
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
वृक्षों की भरमार करो
वृक्षों की भरमार करो
Ritu Asooja
🫴झन जाबे🫴
🫴झन जाबे🫴
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
भोर की खामोशियां कुछ कह रही है।
surenderpal vaidya
पता ना चला
पता ना चला
Dr. Kishan tandon kranti
सत्य की विजय हुई,
सत्य की विजय हुई,
Sonam Puneet Dubey
4756.*पूर्णिका*
4756.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
कलमबाज
कलमबाज
Mangilal 713
आओ मिलकर नया साल मनाये*
आओ मिलकर नया साल मनाये*
Naushaba Suriya
कवि/लेखक- दुष्यन्त कुमार (सम्पूर्ण साहित्यिक परिचय)
कवि/लेखक- दुष्यन्त कुमार (सम्पूर्ण साहित्यिक परिचय)
Dushyant Kumar
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
*वर्तमान पल भर में ही, गुजरा अतीत बन जाता है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
*चिड़ियों को जल दाना डाल रहा है वो*
*चिड़ियों को जल दाना डाल रहा है वो*
sudhir kumar
“मिट्टी का घर”
“मिट्टी का घर”
DrLakshman Jha Parimal
श्रेष्ठ रचनाएं
श्रेष्ठ रचनाएं
*प्रणय*
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
मुझे मालूम हैं ये रिश्तों की लकीरें
VINOD CHAUHAN
जिंदगी
जिंदगी
लक्ष्मी सिंह
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
तेवरीः तेवरी है, ग़ज़ल नहीं +रमेशराज
कवि रमेशराज
आज़ादी की शर्त
आज़ादी की शर्त
Dr. Rajeev Jain
फिर से आंखों ने
फिर से आंखों ने
Dr fauzia Naseem shad
पन्नें
पन्नें
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
पिता
पिता
विजय कुमार अग्रवाल
There are instances that people will instantly turn their ba
There are instances that people will instantly turn their ba
पूर्वार्थ
पृष्ठों पर बांँध से
पृष्ठों पर बांँध से
Neelam Sharma
मन की सूनी दीवारों पर,
मन की सूनी दीवारों पर,
हिमांशु Kulshrestha
.........???
.........???
शेखर सिंह
काम क्रोध मद लोभ के,
काम क्रोध मद लोभ के,
sushil sarna
Loading...