जिसके गुट में एकता…..: छंद कुण्डलिया
शाश्वत कुण्डलिया-
गुटबंदी में है बँटा, भारत राज समाज.
जिसके गुट में एकता, चले उसी का राज.
चले उसी का राज, वही सब पर हो भारी.
स्वार्थ, सेकुलर नीति, उसी से करती यारी.
नैतिकता ले आड़, सामने छल जयचंदी,
बनें सनातन एक, देशहित हो गुटबंदी..
–इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव ‘अम्बर’