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Shweta Soni
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17 May 2024 · 1 min read
जिसकी शाख़ों पर रहे पत्ते नहीं..
जिसकी शाख़ों पर रहे पत्ते नहीं..
उस शज़र की छाँव में बैठी हूँ मैं
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