जिल्लत और जुल्मों का जब दाब बढ़ जायेगा।
जिल्लत और जुल्मों का जब दाब बढ़ जायेगा।
नेक और पुण्य सत्कर्मों का जब सूरज ढल जाएगा।
रत्ती भर निजी सुख के खातिर दूसरे का आशियाना जलाएगा।
आत्ममंथन करके जो खुद की अंतर्ज्योत जलाएगा।
वही इस घोर कलियुग में मोक्ष की राह बनाएगा।
Rj Anand Prajapati