जिये
हम अन्धेरों में जिये पर, रोशनी बनकर जिये
फैशनेबल शहर में भी, सादगी बनकर जिये।
तंगहाली में कटे या मौज मस्ती से भरी हो
आदमी जबतक जिये, बस आदमी बनकर जिये।
खुशनशीबी थी मेरी या कि तेरा करम था
मुर्दा दिलों के बीच में, हम जिन्दगी बनकर जिये।
मजबूर ए जिन्दगी से लोग मरते रहे बस उबकर
जैसा भी चाहा था हमने, हम वैसे ही बनकर जिये।