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18 Sep 2019 · 1 min read

जिम(23)

23
लौकी ने जिम खोला अपना
बरसों का था उसका सपना

तन्वंगी सी भिंडी रानी
बैठीं टीचर सी महारानी

सबको उसने पाठ पढ़ाया
मोटेपन से खूब डराया

कद्दू आलू बैंगन कटहल
उठें सुबह अब आँखें मल-मल

तोरई मिर्ची नीम्बू अदरक
गईं बींस मूली लहसुन तक

गईं प्याज़ शिमला मिर्च शलगम
इन्हें पेट करना था जो कम

टिंडा ककड़ी खीरा परवल
सारे चलते रहते पैदल

लाल टमाटर पर इतराया
साथ मटर ने खूब निभाया

सबने अपना वज़न घटाया
लेकिन पोषित तत्व गवाया

पिचकी पिचकी सब्जी सारी
लगें हुई कोई बीमारी

मरियल सी जो देखी काया
मानव का दिल भी घबराया

छोड़ी सब्जी भाजी खानी
सूनी हुई रसोई रानी

अक्ल सब्जियों को तब आई
छोड़ दिया जिम जाना भाई

सब्जीमंडी फिर इतराई
रौनक उसकी वापस आई

18-09-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

3 Likes · 4 Comments · 345 Views
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