जिम्मेदार बनने का आधार धरे,
बहुत सताया है,
हमने खुद को,
अब तो खुद को माफ़ करे,
हो सकेगा परमार्थ तभी,
जब खुद से इंसाफ करें,
मत धोखे में रहना जी,
कोई जगाने आता है,
जीवन है आदर्श उनका,
लोगों की आसक्ति
भगवान उन्हें बनाते है,
कारक खोजें,
नहीं मिलते प्रमाण,
किसी सुख-दुख के,
है भाव-दशा गर,
क्यों ना परख कर दूर करें,
बहुत सताया है,
हमने खुद को,
अब तो खुद को माफ़ करें,