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25 Apr 2024 · 1 min read

जिन स्वप्नों में जीना चाही

जिन स्वप्नों में जीना चाही
वे स्वप्न बिखर गए।
दिल के अरमान
आंसू बन बह गए।
राह कौन सी अपनाऊं
यह सोच थक गई।
देख दुनिया में भीड़ को
जीने की राह मिल गई।

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