जिन स्वप्नों में जीना चाही
जिन स्वप्नों में जीना चाही
वे स्वप्न बिखर गए।
दिल के अरमान
आंसू बन बह गए।
राह कौन सी अपनाऊं
यह सोच थक गई।
देख दुनिया में भीड़ को
जीने की राह मिल गई।
जिन स्वप्नों में जीना चाही
वे स्वप्न बिखर गए।
दिल के अरमान
आंसू बन बह गए।
राह कौन सी अपनाऊं
यह सोच थक गई।
देख दुनिया में भीड़ को
जीने की राह मिल गई।