जिन अल्फाज़ो को, आवाज नहीं दे सकते।
जिन अल्फाज़ो को, आवाज नहीं दे सकते।
उन अल्फाज़ को हम, लड़ियों में पिरो देते हैं।
चोट लगे कितनी भी, अहसास नहीं होता सांवरे।
कोई मरहम लगाए जख्मों पर, तो हम रो देते हैं।
श्याम सांवरा….
जिन अल्फाज़ो को, आवाज नहीं दे सकते।
उन अल्फाज़ को हम, लड़ियों में पिरो देते हैं।
चोट लगे कितनी भी, अहसास नहीं होता सांवरे।
कोई मरहम लगाए जख्मों पर, तो हम रो देते हैं।
श्याम सांवरा….