जिन्हें हमने सबसे करीब माना था
दूर वो ही हुए जिन्हें हमने सबसे करीब माना था
कसूर उनका नहीं मेरा ही हैं जो हबीब माना था
ख़ैर आना जाना तो लगा रहेगा हर एक दौर में
रुलाया वही हैं हर बार जिसे मैं नसीब माना था
इरादतन शौक़ पाला हर एक शय खरीदने को
ख़रीदार वही निकला जिसे हमने ग़रीब माना था
अल्फाज़ क्या लिखे हर हर्फ़ बिका हुआ हैं यहाँ
बिकने को वो हैं तैयार जिसको अदीब माना था
दुनिया में हर मर्ज़ की दवा हैं ऐसा लोग कहते हैं
यहाँ इश्क में वो हैं बीमार जिसे तबीब माना था