जिन्ना जिन्न
मौका पाकर खोल से , निकला जिन्ना जिन्न।
भिन्न-भिन्न हैं भाव पर, जग में दिखें अभिन्न।
जग में दिखें अभिन्न, सभी को जिन्ना प्यारा।
आते देख चुनाव, सभी ने उसे पुकारा।।
कहै अटल कविराय,लुभाते हैं सब आकर।
निकला फिर से जिन्न,समय का मौका पाकर।