जिन्दा हूँ
जिन्दा हूँ खड़ा राहों में तेरे आने के इंतजार में,
जमाने के बदले दौर में जिंदा हूँ तेरे, इंतजार में,
सब छोड़ दिया खुशियां मैने तेरे जाने के बाद,
सांसे न छोड़ा अब तक तेरे मोहब्बत के एतबार में,
मोहब्बत करने का हक दिल ने सिर्फ तुमको दिया,
एहसासों को मेरे आदत सी हो गई तुझे बुलाने में,
टूटे में तेरा तलबगार जिन्दा रखा हूँ तेरे जाने के बाद,
घूट घूट के जीने के आदि बने तेरे बिछुड़ने के गम में,
सांसो में जिंदा है तेरा खुमार तू ही तो है मेरा बहार,
अब मैं रखा खुद को वफादार तेरी मोहब्बत में,
कितनी हसीना परखने थी आयी मेरे जमीर को,
डगमगा न पायी मेरी वफ़ा को तेरे आने के इंतजार में,
न तलब है हमे किसी हसीना से मोहब्बत करूँ,
ऐ दिल तो तलबगार है बस तेरी मोहब्बत में,
मैं तो रहता हूँ सबसे अलग जुदाई के नगर में,
टूटे दिलों में तेरी यादे जिन्दा रखा तेरी मोहब्बत में,