जिन्दगी
जिन्दगी
जिन्दगी के
दस्तूर बड़े निर्जीव
हसंता-रोता खेलता
मौत के ठिकाने
पहुंचने सजीव
कुछ दमकते ख़याल
जिस का असर अज़ीब
मन को रोशनी देते
अँधेरे मे,
उज्जाला फैलते
तमस क्षण मे
लिखे गये
किसी महान
कलाकार के
लेखन मे
कुछ पन्नो मे
बुन थमा जाते
यादों के धागों मे
इतिहास की
किताबों मे
जिन्दगी और
मौत के तानेबाने
सजन