जिन्दगी
मुश्किल होता है
कभी कभी खुद को संभाल पाना
जिसने खोखला कर दिया
उस दर्द से ऊबर पाना
उम्मीद, उमंग ,सपने ,उत्साह
नहीं रही किसी एक की भी चाह
जीवन जैसे बोझ सा बन गया है
ये गम अब रोग सा बन गया है
ना खुलकर ,आंसू निकलते हैं
ना चेहरे पर मुस्कान होती है
आश्चर्य होता है जिंदगी के इस पड़ाव पर आना
हताश होकर कई टुकड़ों में टूट जाना