जिन्दगी
जिन्दगी बड़ी अजीब किताब है,
जितना समझो कम है,
हर पन्ना अपना लगता है
जो न समझ आये वो
फालतू हिस्सा लगता है
अगर न पढ़ें तो बेगाना
लगता है,
फिर भी क्या करें ये अपना
ही हिस्सा लगता है।
जिन्दगी बड़ी अजीब किताब है,
जितना समझो कम है,
हर पन्ना अपना लगता है
जो न समझ आये वो
फालतू हिस्सा लगता है
अगर न पढ़ें तो बेगाना
लगता है,
फिर भी क्या करें ये अपना
ही हिस्सा लगता है।