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15 Mar 2024 · 1 min read

जिन्दगी सदैव खुली किताब की तरह रखें, जिसमें भावनाएं संवेदनशी

जिन्दगी सदैव खुली किताब की तरह रखें, जिसमें भावनाएं संवेदनशील हों ।।

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