जिन्दगी को ख़राब कर रहे हैं।
जिन्दगी को खराब कर रहे हैं।
देखो तो हम भी शराब पी रहे हैं।।1।।
एक दिन मिट जायेगा वजूद।
यूं हम अपनी पहचान खो रहे हैं।।2।।
हम किसपे चलाए शमशीर।
जब सामने अपने ही लड़ रहे हैं।।3।।
सुकूं के पल धुआं हो रहे है।
ये दिन रात सब ही सुलग रहे हैं।।4।।
बिना हमारे ना रह पाओगे।
बनके दिल तुम में धड़क रहे हैं।।5।।
तुझमें सांसों से चल रहे है।
बनके खुशबू हम महक रहे है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ