जिन्दगी के कोन भरोसा, की कैईल ई रहत नैय रहत
कविता – रौशन राय के कलम सअ
जिन्दगी के कोन भरोसा, की कैईल रहत नैय रहत -2
छोरु झगरा करु सब प्रेम, कैईल ई रहत नैय रहत
जिन्दगी के कोन भरोसा, की कैईल ई रहत नैय रहत
राज घराना झगरा में उजड़ल, महाभारत में सिखू।
रामायण प्रेम के जीवित साबुत ई राम से सिखू।।-2
पल पल जीवन कठिन भेल ऐछ कैईल रहत नैय रहत-2
छोरु झगरा करु सब प्रेम, कैईल ई रहत नैय रहत
जिन्दगी के कोन भरोसा, की कैईल ई रहत नैय रहत-2
बम बारुद के दुनिया कलयुग, नफरत के पाठशाला।
हर घर में ऐछ बियोग पसरल, सब ओढ़ने भानकशाला
देखके चरित्र आंगन कानैयऽ ऐ में कियों बसत नैय बसत
छोरु झगरा करु सब प्रेम, कैईल ई रहत नैय रहत
जिन्दगी के कोन भरोसा, की कैईल ई रहत नैय रहत-2
मक्कारी बैईमानी छीन छपट आय कैईल के हथियार
कके बैईमानी भाई से भाई खुद बुजहै यऽ होशियार।।-2
प्रेम आ सत्य के बाट पर कैईल कियो चलत नैय चलत
छोरु झगरा करु सब प्रेम, कैईल ई रहत नैय रहत
जिन्दगी के कोन भरोसा, की कैईल ई रहत नैय रहत-2
सब किछ गेल संस्कार के हरै,ताईक के संस्कार आनत
बीख के पाइन सअ कनिया, खेनाय के आटा सानत।।-2
धीया पुता के अंगोर सन बोल,कियों मीठ बजत नैय बजत
छोरु झगरा करु सब प्रेम, कैईल ई रहत नैय रहत
जिन्दगी के कोन भरोसा, की कैईल ई रहत नैय रहत-2
धन अर्जित करै के लेल अपनों मातृभूमि नैहर भेल
जेकरा खातिर उम्र परदेश बितेलौ, से बच्चा नैय हमर भेल।।-2
मैअ बाबूवो के छै सहारा के चिंता हमरा दिश रहत नैय रहत
छोरु झगरा करु सब प्रेम, कैईल ई रहत नैय रहत
जिन्दगी के कोन भरोसा, की कैईल ई रहत नैय रहत-2
बीख के पाइन सबठा बहै यअ,आ बीखे के बिहैर बसात
अन सेहो सब बीखे खाय छी,भेल जीवन घास पात
छन छन ऐछ मृत्यु पिछा केने, क़ाइल रौशन भेंटत नैय भेंटत
छोरु झगरा करु सब प्रेम, कैईल ई रहत नैय रहत
जिन्दगी के कोन भरोसा, की कैईल ई रहत नैय रहत-2
रचनाकार – रौशन राय
तारीक – 23 – 11 – 2021
दुरभाष नं – 9515651283 /7859042461